सारांश:
दुनिया भर की AI कंपनियां एक ऐसे छोटे और कम चर्चित देश से लाइसेंस ले रही हैं, जिसके बिना उनका काम रुक सकता है। यही कारण है कि यह देश आज टेक कंपनियों से करोड़ों रुपये वसूल रहा है। आखिर ऐसा क्यों?
इंटरनेट से AI तक: भूला-बिसरा देश बना सोने की खान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज़ी से बढ़ती दुनिया में एक ऐसा देश है, जिसका नाम आम लोग शायद ही जानते हों। लेकिन हैरानी की बात यह है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां चाहे वह अमेरिका की हों, यूरोप की या एशिया की इन्हीं से लाइसेंस लेकर काम कर रही हैं। बिना इस लाइसेंस के कई जगह इन कंपनियों की AI सेवाएं आधिकारिक रूप से चल ही नहीं सकतीं।
Read In English -The Untold AI Secret: How a Tiny Island Nation Turned Its Forgotten Domain Into a Goldmine
1980 के दशक में जब इंटरनेट की शुरुआत हुई थी, तब हर देश को अपना खास वेब डोमेन नाम मिला। अमेरिका को मिला .us, ब्रिटेन को .uk और छोटे से कैरेबियाई द्वीप एंगुइला को .ai. उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि यही डोमेन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बूम के दौर में सबसे ज्यादा डिमांड वाला बन जाएगा।
आज दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां .ai डोमेन के लिए एंगुइला को भारी रकम चुका रही हैं। उद्यमी धर्मेश शाह ने तो इस साल की शुरुआत में you.ai डोमेन के लिए 7 लाख डॉलर (करीब ₹5.81 करोड़) तक खर्च कर दिए।
10 गुना बढ़ी डोमेन की डिमांड
डोमेन रजिस्ट्रेशन ट्रैक करने वाली वेबसाइट्स बताती हैं कि पिछले 5 साल में .ai डोमेन वाली साइट्स की संख्या 10 गुना बढ़ गई है। सिर्फ पिछले एक साल में यह आंकड़ा दोगुना हो गया। अभी दुनिया में करीब 8.5 लाख .ai डोमेन मौजूद हैं, जबकि 2020 में इनकी संख्या 50 हजार से भी कम थी।
तूफानों से जूझती अर्थव्यवस्था को मिला नया सहारा
एंगुइला की पहचान अब तक एक टूरिज्म डेस्टिनेशन की रही है। यहां ज्यादातर अमेरिकी पर्यटक घूमने आते हैं। 2023 में यहां रिकॉर्ड 1.11 लाख पर्यटक पहुंचे। लेकिन अटलांटिक के तूफानों के बीच बसे इस द्वीप के लिए हर सीजन में नुकसान उठाना आम बात है।

इसीलिए अब डोमेन बिक्री से होने वाली कमाई एंगुइला की अर्थव्यवस्था के लिए जीवनरेखा बन गई है। IMF ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में इसे देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने वाला अहम स्तंभ बताया है।
करोड़ों की कमाई, और आगे का लक्ष्य
2024 में एंगुइला सरकार ने .ai डोमेन से 342 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उसके कुल राजस्व का लगभग एक-चौथाई है। बजट डॉक्यूमेंट के मुताबिक, 2025 में यह आय बढ़कर 430 करोड़ रुपये और 2026 में 449 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
ब्रिटिश क्षेत्र लेकिन अमेरिकी कंपनी से करार
भले ही एंगुइला ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है, लेकिन उसे आंतरिक मामलों में काफी हद तक आज़ादी मिली हुई है। 2017 में आए इरमा तूफान के बाद ब्रिटेन ने 5 साल में 60 मिलियन पाउंड की मदद दी थी। अब डोमेन मैनेजमेंट को प्रोफेशनल बनाने के लिए एंगुइला ने अक्टूबर 2024 में अमेरिकी कंपनी आइडेंटिटी डिजिटल से 5 साल का एग्रीमेंट किया है।
डोमेन नीलामी में लाखों डॉलर
.ai डोमेन की कीमतें आसमान छू रही हैं। बेसिक रजिस्ट्रेशन चार्ज 150-200 डॉलर है और हर दो साल में रिन्यूअल फीस भी देनी पड़ती है। लेकिन प्रीमियम डोमेन नाम की नीलामी लाखों डॉलर तक जा रही है।
जुलाई 2025 में cloud.ai को 6 लाख डॉलर में बेचा गया, जबकि अगस्त की शुरुआत में law.ai की डील 3.5 लाख डॉलर में हुई। हर सौदे से एंगुइला सरकार को हिस्सा मिलता है, जिसमें से आइडेंटिटी डिजिटल लगभग 10% कटौती करती है।
अकेला नहीं है एंगुइला
डोमेन बेचकर कमाई करने का खेल केवल एंगुइला तक सीमित नहीं है। तुवालु नामक प्रशांत द्वीप ने 1998 में अपने .tv डोमेन का लाइसेंस अमेरिकी कंपनी वेरीसाइन को दिया था। शुरुआत में हर साल 2 मिलियन डॉलर मिलते थे, बाद में यह 5 मिलियन डॉलर तक पहुंचा। हालांकि तुवालु को बाद में लगा कि उसने सस्ते में डील कर दी, और 2021 में उसने नया करार गोडैडी के साथ कर लिया।
छोटे द्वीप, बड़ा खेल
एक समय जिसे बेकार समझा गया था, वही डोमेन अब कैरेबियाई द्वीप एंगुइला की किस्मत बदल रहा है। 16 हजार की आबादी वाला यह छोटा-सा देश अब AI के दौर में वैश्विक डिजिटल इकोनॉमी का गेटकीपर बन चुका है।
