स्थान: नई दिल्ली | तारीख: 28 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 4 मिनट
सारांश: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया अब तकनीक से और स्मार्ट होने जा रही है। नए सिस्टम में AI उम्मीदवारों का रियल-टाइम ड्राइविंग टेस्ट लेगा और तुरंत रिजल्ट भी देगा। इससे फर्जी लाइसेंस और मानव-आधारित पक्षपात खत्म होगा।
ड्राइविंग टेस्ट में AI की एंट्री – बड़ा बदलाव क्यों?
AI आधारित ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम : परिवहन मंत्रालय ने लाइसेंस टेस्ट प्रक्रिया को पूरी तरह तकनीकी और पारदर्शी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इस सिस्टम के तहत ड्राइविंग टेस्ट लेने वाले इंस्ट्रक्टर की जगह अब AI लगेगा, जो कैमरा और सेंसर की मदद से उम्मीदवार के ड्राइविंग स्किल्स का रियल-टाइम एनालिसिस करेगा।
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नई तकनीक के जरिए गाड़ी चलाने की स्पीड, ब्रेक का इस्तेमाल, मोड़ पर नियंत्रण, रिवर्सिंग, और ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने जैसी गतिविधियों की बारीकी से जांच होगी। इसके बाद AI बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उम्मीदवार को पास या फेल घोषित करेगा।
AI आधारित ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम: कैसे काम करेगा नया AI सिस्टम?
ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे, सेंसर और AI एल्गोरिद्म लगाए जाएंगे। उम्मीदवार जैसे ही टेस्ट शुरू करेगा, सिस्टम हर मूवमेंट को रिकॉर्ड करेगा। उदाहरण के लिए –
- क्या गाड़ी सही तरीके से गियर बदली जा रही है?
- ट्रैफिक सिग्नल और संकेतों पर ध्यान दिया जा रहा है या नहीं?
- अचानक ब्रेक लगाने की क्षमता कैसी है?
- पैदल यात्री क्रॉसिंग या लेन बदलते समय नियमों का पालन हो रहा है या नहीं?
AI पूरे प्रदर्शन का विश्लेषण कर तुरंत रिपोर्ट तैयार करेगा। इससे टेस्ट का परिणाम पूरी तरह निष्पक्ष और ट्रांसपेरेंट होगा।
उम्मीदवारों के लिए क्या बदल जाएगा?
अब तक कई बार आरोप लगते रहे हैं कि ड्राइविंग टेस्ट पास कराने में इंस्ट्रक्टर की भूमिका संदिग्ध रहती है, जिससे फर्जी या बिना स्किल वाले लोगों को भी लाइसेंस मिल जाता है। लेकिन AI आधारित सिस्टम से यह संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।
अब हर उम्मीदवार को अपने वास्तविक ड्राइविंग कौशल पर ही भरोसा करना होगा। साथ ही टेस्ट के तुरंत बाद रिजल्ट मिल जाएगा, जिससे लंबे इंतजार और फाइलों के चक्कर खत्म होंगे।
भारत में कब से लागू होगा यह सिस्टम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवहन मंत्रालय ने पायलट प्रोजेक्ट कुछ राज्यों में शुरू कर दिया है। सफलता मिलने के बाद इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और एक्सीडेंट्स को कम करने में बड़ा रोल निभाएगा।
सड़क सुरक्षा पर क्या होगा असर?
भारत में हर साल हजारों सड़क हादसे ड्राइवर की लापरवाही और गलत ड्राइविंग स्किल्स के कारण होते हैं। अगर AI टेस्टिंग सिस्टम लागू हो गया तो केवल वही लोग लाइसेंस प्राप्त कर पाएंगे, जो ट्रैफिक नियमों और सुरक्षित ड्राइविंग के योग्य होंगे। इससे न सिर्फ सड़क सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि लोगों में नियमों को लेकर जागरूकता भी आएगी।
