नई दिल्ली |तारीख: 25 जुलाई 2025 | ⏱️ पढ़ने का समय: 4 मिनट
Summary: OpenAI का ChatGPT सर्च की दुनिया में तूफान ला रहा है, और 10 साल में पहली बार Google का सर्च शेयर 90% से नीचे गिरा है। क्या AI टूल्स सर्च इंजन का भविष्य बदल देंगे? आइए, इस डिजिटल जंग की कहानी और इसके पीछे की सच्चाई को समझें।
पिछले महीने, बेंगलुरु के एक टेक कैफे में 28 साल की सॉफ्टवेयर डेवलपर अनन्या शर्मा अपने दोस्तों से कह रही थी, “मैंने Google छोड़ दिया है। ChatGPT मुझे कोडिंग सॉल्यूशंस, प्रोजेक्ट आइडियाज़, और यहाँ तक कि छुट्टियों की प्लानिंग में बेहतर जवाब देता है।” अनन्या अकेली नहीं हैं।
Google को मिली सबसे बड़ी चुनौती?
एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल में पहली बार Google का वैश्विक सर्च शेयर 90% से नीचे आ गया है। इसका सबसे बड़ा कारण? OpenAI का ChatGPT, जो लोगों की सर्च करने की आदतों को बदल रहा है। लेकिन यह जंग इतनी आसान नहीं है। आइए, इस डिजिटल रणभूमि में गहराई से उतरें।
Read In English: Is Google Losing Its AI Grip? ChatGPT Pushes Search Giant Below 90% Market Share for the First Time
ChatGPT ने कैसे मचाया तहलका?
- सटीक और विज्ञापन-मुक्त जवाब: “Google पर सर्च करो, तो पहले चार लिंक विज्ञापन होते हैं,” मुंबई के डेटा साइंटिस्ट राहुल वर्मा ने शिकायत की। ChatGPT साफ-सुथरी, बातचीत जैसी जानकारी देता है, जो कोडिंग से लेकर रेसिपी तक हर सवाल का जवाब देती है।
- 15-20% सर्च वॉल्यूम पर कब्जा: इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ChatGPT हर दिन 2.5 बिलियन प्रॉम्प्ट्स प्रोसेस कर रहा है, जो Google के सर्च वॉल्यूम का छठा हिस्सा है। यह Microsoft के Bing से भी बड़ी चुनौती बन गया है।
- युवा पीढ़ी का नया प्यार: दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट प्रिया मेहता कहती हैं, “मेरे दोस्त TikTok, Reddit, और ChatGPT पर सर्च करते हैं। Google अब पुराना लगता है।” Gen Z की यह पसंद Google के लिए खतरे की घंटी है।
Google का जवाबी हमला
Google चुप नहीं बैठा। “हम AI को हर क्षेत्र में एकीकृत कर रहे हैं,” Google के CEO सुंदर पिचाई ने हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस में कहा। Google ने “AI Mode” लॉन्च किया, जो चैटबॉट जैसा अनुभव देता है। इसके अलावा, Gemini जैसे AI टूल्स Google को इस रेस में बनाए रख रहे हैं। लेकिन चुनौतियाँ भी कम नहीं:

- एंटीट्रस्ट का दबाव: Google पर अमेरिका में दो बड़े एंटीट्रस्ट मुकदमे चल रहे हैं, जो इसकी सर्च मोनोपॉली को तोड़ने की बात कर रहे हैं।
- लागत का बोझ: AI-संचालित सर्च महंगा है। 2025 में Google का पूंजीगत खर्च 85 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है, जो निवेशकों को चिंतित कर रहा है।
- आय पर खतरा: Google की 50% से अधिक कमाई और 75% मुनाफा सर्च विज्ञापनों से आता है। ChatGPT का विज्ञापन-मुक्त मॉडल इसे जोखिम में डाल रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
बेंगलुरु के AI स्टार्टअप NeuralNet के फाउंडर अजय सिंह कहते हैं, “ChatGPT ने दिखाया कि लोग सर्च से ज़्यादा बातचीत चाहते हैं। Google को अब यूज़र एक्सपीरियंस पर फिर से काम करना होगा।”
X पर @TechBit ने ट्वीट किया, “ChatGPT का 2.5 बिलियन डेली प्रॉम्प्ट्स Google के लिए वेक-अप कॉल है।” लेकिन कुछ का मानना है कि Google की ताकत बरकरार रहेगी।
@DataNerd_IN ने लिखा, “Google के पास डेटा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और ब्रांड वैल्यू है। इसे हराना आसान नहीं।”
AI का भविष्य और Google की चुनौती
ChatGPT की ताकत सिर्फ़ तकनीक में नहीं, बल्कि यूज़र की भावनाओं को समझने में है। लोग चाहते हैं कि उनकी ज़रूरतें तुरंत और साफ-सुथरे तरीके से पूरी हों। Google की ताकत इसके विशाल डेटा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में है, लेकिन यह यूज़र ट्रस्ट को फिर से हासिल करने के लिए जूझ रहा है। हमारा मानना है कि Google को विज्ञापन-केंद्रित मॉडल से हटकर AI-आधारित, यूज़र-फ्रेंडली अनुभव पर ध्यान देना होगा।
Google का सर्च शेयर (2015-2025)

Source (StatCounter डेटा, जुलाई 2025)
(नोट: यह ग्राफ दर्शाता है कि 10 साल में पहली बार Google का शेयर 90% से नीचे गया।)
क्यों मचा है हंगामा?
ChatGPT और Google की यह जंग सिर्फ़ टेक्नोलॉजी की नहीं, बल्कि यूज़र भरोसे और भविष्य की सर्च की लड़ाई है। अगर Google अपनी रणनीति में बदलाव नहीं करता, तो ChatGPT जैसे AI टूल्स सर्च की दुनिया को हमेशा के लिए बदल सकते हैं। क्या Google अपनी बादशाहत बचा पाएगा, या AI एक नया राजा लाएगा? यह देखना रोमांचक होगा।
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