Summary – गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने हाल ही में सोशल मीडिया पर तीन केले की तस्वीर शेयर कर सबका ध्यान खींच लिया। इसके पीछे छुपा राज था Google का नया AI टूल “Nano Banana”। यह छोटा लेकिन पावरफुल मॉडल स्मार्टफोन्स और छोटे डिवाइस पर बिना इंटरनेट के भी AI चलाने में सक्षम है।
तीन केले की तस्वीर के पीछे छुपा Google का राज
सुंदर पिचाई की इस पोस्ट ने लोगों को हैरान कर दिया। कई लोगों ने मजाक किया कि आखिर गूगल बॉस ने केले क्यों पोस्ट किए। लेकिन जल्द ही सामने आया कि यह इशारा था Google के नए AI टूल “Nano Banana” की तरफ, जो कंपनी की लेटेस्ट इनोवेशन है।
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क्या है Google का Nano Banana AI टूल?
Nano Banana एक अल्ट्रा-लाइटवेट AI मॉडल है, जिसे खासतौर पर मोबाइल और छोटे गैजेट्स पर चलाने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसमें खास बात यह है कि यह ऑफलाइन भी काम कर सकता है। यानी अब बेसिक AI टास्क्स के लिए हाई-एंड सर्वर या इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्यों है खास?
- यह टूल इतना हल्का है कि किसी भी स्मार्टफोन या स्मार्टवॉच पर चल सकता है।
- डेटा लोकल डिवाइस पर ही प्रोसेस होगा, जिससे प्राइवेसी और सिक्योरिटी बेहतर होगी।
- ऑफलाइन सपोर्ट होने की वजह से रिमोट इलाकों या इंटरनेट की कमी वाले स्थानों पर भी AI का इस्तेमाल संभव होगा।
अब सवाल: “Nano Banana” नाम क्यों रखा गया?
गूगल अक्सर अपने AI प्रोजेक्ट्स को यूनिक और मजेदार नाम देता है। Nano Banana का नाम इसकी छोटी साइज (नैनो) और ह्यूमर टच (बनाना) को दिखाने के लिए रखा गया है। तीन केले की तस्वीर इसी ब्रांडिंग का हिस्सा थी।
क्या यह मोबाइल AI की असली क्रांति है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूल आने वाले समय में मोबाइल AI क्रांति की शुरुआत कर सकता है। अभी तक बड़े AI मॉडल सिर्फ क्लाउड पर चलते थे, लेकिन Nano Banana जैसे हल्के मॉडल रोजमर्रा की जिंदगी को और आसान बना सकते हैं
