जोधपुर, 14 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 3 मिनट
सारांश:
स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस बार जोधपुर ने तकनीक का नया अध्याय जोड़ा। पहली बार AI आधारित फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगाए गए, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और सख्त हो गई।
स्वतंत्रता दिवस समारोह 2025: देश में इस स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिला। पहली बार AI संचालित फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगाए गए, जिनका उद्देश्य था भीड़ में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान करना और सुरक्षा बलों को तुरंत अलर्ट भेजना।
Read In ENGLISH-Rajasthan Independence Day 2025: Jodhpur Installs Face Recognition Cameras for the First Time
जोधपुर के स्वतंत्रता दिवस समारोह में AI की नई पहल
जोधपुर प्रशासन और पुलिस विभाग ने इस तकनीक को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाया है। शहर के मुख्य समारोह स्थल पर लगाए गए इन कैमरों को एक केंद्रीय सर्वर से जोड़ा गया है, जो पहले से मौजूद पुलिस डेटाबेस से चेहरों का मिलान करता है। अधिकारियों का कहना है कि इससे सुरक्षा जांच का समय घटेगा और मौके पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।
क्या AI कैमरे सच में सुरक्षा बढ़ाएंगे?
सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, फेस रिकॉग्निशन तकनीक बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान में मददगार साबित हो सकती है। हालांकि, प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी हैं।
जोधपुर पुलिस का दावा है कि इस सिस्टम के तहत एकत्रित डेटा केवल सुरक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होगा और निर्धारित समय के बाद हटा दिया जाएगा।
लोगों में भी इस नई पहल को लेकर जिज्ञासा है। कुछ लोग इसे आधुनिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ को डर है कि इसका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
इस प्रयोग के पीछे राजस्थान गृह मंत्रालय की की क्या है मंशा?
अगर यह प्रयोग सफल रहा तो राजस्थान के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा सकता है। आने वाले समय में इस तरह के AI आधारित सिस्टम, सार्वजनिक कार्यक्रमों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर भी देखने को मिल सकते हैं।
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