मुंबई | 29 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 5 मिनट
Summary:
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भारत में एक नया AI प्लेटफ़ॉर्म Reliance Intelligence लॉन्च किया है। इसका मकसद है हर भारतीय तक AI की शक्ति पहुँचाना और देश को AI सुपरपावर की दिशा में आगे बढ़ाना।
क्या सचमुच Reliance Intelligence भारत की तस्वीर बदल देगा?
मुकेश अंबानी ने AGM के मंच से बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि “अब हर भारतीय के हाथों में होगी AI की ताकत”। Reliance Intelligence का विज़न है कि ग्रामीण भारत से लेकर शहरी उपभोक्ता तक, सभी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत की जाए।
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AI अब तक केवल रिसर्च लैब्स और बड़ी कंपनियों तक सीमित था, लेकिन अंबानी का कहना है कि रिलायंस इस टेक्नोलॉजी को उतना ही आसान बनाएगा जितना मोबाइल इंटरनेट को जियो ने बनाया था।
Reliance Intelligence क्या करेगा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्लेटफ़ॉर्म हेल्थकेयर, शिक्षा, कृषि और बिज़नेस सेक्टर को टार्गेट करेगा। AI चैटबॉट्स, लोकल भाषाओं में सपोर्ट और डेटा एनालिटिक्स टूल्स इसके शुरुआती फीचर्स होंगे।
खास बात यह है कि यह प्लेटफ़ॉर्म पूरी तरह भारतीय भाषाओं पर फोकस करेगा ताकि हर नागरिक बिना भाषा की बाधा के इसका लाभ उठा सके।
भारत के लिए गेमचेंजर कैसे बनेगा यह कदम?
AI की मदद से किसानों को सही समय पर मौसम और फसल की जानकारी मिलेगी, छोटे व्यापारी अपने बिज़नेस फैसले डेटा के आधार पर ले सकेंगे और स्टूडेंट्स को पर्सनलाइज़्ड लर्निंग मिलेगी। हेल्थकेयर में डॉक्टर और मरीज के बीच का गैप भी कम हो सकेगा।
अंबानी का कहना है कि Reliance Intelligence भारत को “AI का डेमोक्रेसी हब” बना सकता है — यानी जहां हर आम नागरिक बिना किसी टेक्निकल बैकग्राउंड के भी AI का इस्तेमाल कर सके।
आगे का रास्ता
AI की दुनिया में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसे ग्लोबल दिग्गज पहले से मौजूद हैं। ऐसे में Reliance Intelligence को चुनौती जरूर मिलेगी। लेकिन अगर जियो की तरह यह प्लेटफ़ॉर्म भी सस्ती और आसान पहुंच के साथ लॉन्च होता है, तो भारत का डिजिटल लैंडस्केप पूरी तरह बदल सकता है।










