स्थान: बेंगलुरु, भारत | तारीख: सोम, 25 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 4 मिनट
सारांश:
ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंडेक्स में भारत एक बार फिर टॉप 5 में जगह बनाने से चूक गया है। लगातार निवेश और तेज़ी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के बावजूद, भारत 7वें स्थान पर ही अटका हुआ है। सवाल यह है कि आखिर क्यों हम टॉप 5 में नहीं पहुँच पा रहे और हमें क्या बदलने की ज़रूरत है?
भारत की AI महत्वाकांक्षा टॉप-5 से अभी भी दूर क्यों?
Deccan Herald की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को हाल ही में ग्लोबल AI इनोवेशन रेस में सातवें स्थान पर रखा गया है। इस रैंकिंग में रिसर्च आउटपुट, पेटेंट्स, स्टार्टअप निवेश और इंडस्ट्री एडॉप्शन जैसे कारकों को देखा गया।
Read In Hindi -India Ranks 7th in the Global AI: India Slips Again in Global AI Race ,Why We Still Miss the Top 5 and What Needs to Change
भारत ने टैलेंट और रिसर्च में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन फंडिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और बड़े स्तर पर इंडस्ट्री उपयोग के मामले में पीछे रह गया। यही कारण है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 1,000 से अधिक एंगेजमेंट के साथ लोग सवाल पूछ रहे हैं कि भारत और आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा। वहीं YouTube पर इस विषय पर बने एनालिसिस वीडियो को 90,000 से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं।
क्या भारत AI की दौड़ में छलांग लगा सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि सातवें स्थान पर होना भारत की क्षमता और सीमाओं दोनों को दर्शाता है। जहां एक तरफ भारत के पास इंजीनियर्स और स्टार्टअप्स का मजबूत आधार है, वहीं नीति, निवेश और हाई-एंड टेक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी इसकी रफ्तार रोक रही है।
AI इंडस्ट्री के दिग्गजों का कहना है कि अगर भारत को टॉप-5 में आना है तो उसे रिसर्च और डेवलपमेंट पर निवेश बढ़ाना होगा, सरकार और प्राइवेट सेक्टर की साझेदारी मजबूत करनी होगी और हेल्थकेयर, कृषि और गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर AI समाधान लाने होंगे।
भारत के लिए आगे का रास्ता
सातवां स्थान भारत की उपलब्धि भी है और चेतावनी भी। यह साबित करता है कि भारत वैश्विक AI मानचित्र पर है, लेकिन असली चुनौती क्षमता को लीडरशिप में बदलने की है। आने वाले वर्षों में भारत कितना ऊपर जा सकता है, यह उसके फैसलों पर निर्भर करेगा।
