New Delhi | Date: July 24, 2025 | Read Time: 4 minutes
Summary: IndiaAI मिशन के साथ सरकार ने AI की दुनिया में तहलका मचाने के लिए ₹10,371 करोड़ का खजाना खोल दिया है। सात शूत्रीय कार्यक्रमों का ये मेगा प्लान भारत को ग्लोबल AI लीडर बनाने का दम रखता है। लेकिन क्या ये सपना सच होगा? आइए, इस धमाकेदार प्रोजेक्ट की पूरी कहानी जानें!
AI की रेस में भारत का तुरुप का पत्ता!
भारत अब AI की दुनिया में पीछे नहीं रहना चाहता। मार्च 2024 में लॉन्च हुआ IndiaAI मिशन, ₹10,371.92 करोड़ के भारी-भरकम बजट के साथ, भारत को AI सुपरपावर बनाने का ख्वाब देख रहा है। इसके सात शूत्रीय कार्यक्रम स्टार्टअप्स को उड़ान देंगे, लाखों नौकरियां पैदा करेंगे, और टेक्नोलॉजी में भारत का झंडा बुलंद करेंगे। लेकिन क्या ये प्लान उतना धांसू है जितना इसका हल्ला है? चलो, इन सात कार्यक्रमों को खंगालते हैं और देखते हैं कि भारत का AI गेम कितना पक्का है!
Read In English: Government Opens Its Treasury for AI Growth: Find Out How Many Crores India Will Spend on IndiaAI Mission?
IndiaAI मिशन 2025 के सात शूत्रीय कार्यक्रम
- IndiaAI कम्प्यूट पावर: 10,000+ GPU के साथ सुपर-फास्ट कम्प्यूटिंग सिस्टम बनेगा। स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स के लिए AI-as-a-Service और रेडीमेड AI मॉडल्स का मार्केटप्लेस तैयार होगा।
- IndiaAI इनोवेशन हब: ₹2,000 करोड़ की लागत से भारत के लिए खास AI मॉडल्स बनेंगे, जैसे हेल्थकेयर और खेती के लिए मल्टीमॉडल मॉडल्स।
- IndiaAI डेटासेट्स प्लेटफॉर्म: नॉन-पर्सनल डेटा का विशाल भंडार, जो AI-रेडी होगा। ये हेल्थकेयर, ट्रैफिक और गवर्नेंस में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
- IndiaAI एप्लिकेशन डेवलपमेंट: 25 नई AI एप्लिकेशन्स सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के लिए, जो हेल्थकेयर, खेती और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों को हल करेंगी।
- IndiaAI फ्यूचरस्किल्स: अंडरग्रेजुएट से PhD तक AI कोर्स बढ़ेंगे। टियर-2 और टियर-3 शहरों में डेटा और AI लैब्स खुलेंगे, दिल्ली में पहला लैब पहले ही शुरू हो चुका है।
- IndiaAI स्टार्टअप बूस्ट: ₹2,000 करोड़ की फंडिंग डीप-टेक AI स्टार्टअप्स के लिए, ताकि वो फ्यूचरिस्टिक आइडियाज़ पर काम कर सकें।
- सेफ एंड ट्रस्टेड AI: AI के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए टूल्स और गाइडलाइंस, ताकि AI सुरक्षित और भरोसेमंद रहे।
क्यों है ये मिशन गेम-चेंजर?
भारत में AI मार्केट 2027 तक $17 बिलियन का हो सकता है, वो भी 35% की रफ्तार से बढ़ते हुए। 18,693 GPU की ताकत (जो ChatGPT की पावर का दो-तिहाई है) और सिर्फ ₹100 प्रति घंटे की सस्ती दर पर कम्प्यूटिंग पावर देना, स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स के लिए जैकपॉट है। AI कोषा जैसे प्लेटफॉर्म्स भारतीय भाषाओं और संस्कृति पर बेस्ड मॉडल्स बनाएंगे, ताकि पश्चिमी बायस की छुट्टी हो।
लेकिन रास्ते में कांटे भी हैं!
हर बड़ा ख्वाब कुछ रुकावटों के साथ आता है:
- GPU का झंझट: ग्लोबल मार्केट में GPU की कीमतें आसमान छू रही हैं, और US के इम्पोर्ट बैन से दिक्कत बढ़ सकती है।
- डेटा का सवाल: डेटासेट्स को AI-रेडी बनाने के लिए हर मंत्रालय को जी-तोड़ मेहनत करनी होगी।
- टैलेंट की टेंशन: भारत की AI स्किल रैंकिंग (2.8) ठीक है, लेकिन ग्लोबल रेस में और ट्रेनिंग चाहिए।
लोगों का क्या मूड है?
X पर लोग इसे “भारत का AI रेवोल्यूशन” बता रहे हैं। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव का दावा है कि जल्द ही भारत अपने सस्ते और सेफ AI मॉडल्स लॉन्च करेगा। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि डेटा क्वालिटी और R&D पर ज़ोर न दिया तो भारत पीछे रह सकता है।
क्यों मचा है हंगामा?
IndiaAI मिशन सिर्फ टेक्नोलॉजी की बात नहीं—ये 2047 तक ‘विकसित भारत’ का रोडमैप है। हेल्थकेयर, स्मार्ट सिटीज़, और खेती से लेकर हर सेक्टर को ये टच करेगा। अगर ये प्लान कामयाब रहा, तो भारत AI का ग्लोबल हब बनेगा और लाखों हाई-स्किल जॉब्स क्रिएट करेगा। लेकिन सवाल वही—क्या भारत इस मौके को भुना पाएगा, या ये बस एक और बड़ा ख्वाब बनकर रह जाएगा?
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