नई दिल्ली | 17 सितम्बर 2025 | 3 मिनट पढ़ें
संक्षेप:
AI और रोबोटिक्स ने मिलकर युद्ध की तस्वीर ही बदलने की शुरुआत कर दी है। दुनिया के कई देश ऐसे हथियार बना रहे हैं जो खुद सोचकर फायर कर सकें, और ऐसे फाइटर जेट तैयार हो रहे हैं जिन्हें इंसान नहीं बल्कि AI उड़ाएगा।
युद्ध के मैदान में अब सिर्फ सैनिक ही नहीं, बल्कि मशीनें भी नजर आएंगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में युद्ध का सबसे बड़ा हथियार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स होंगे। अमेरिका, चीन और रूस पहले ही ऐसे ड्रोन और फाइटर जेट पर काम कर रहे हैं जिन्हें AI नियंत्रित करेगा।
Read In English- Robots Will Hold Guns, AI Will Fly Fighter Jets – Is This the Future of War?
AI और रोबोटिक्स की नई भूमिका
अमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) ने हाल ही में सफलतापूर्वक AI-पायलटेड फाइटर जेट का टेस्ट किया। वहीं, चीन ऐसे ह्यूमनॉइड रोबोट बना रहा है जो राइफल चला सकते हैं और छोटे-छोटे युद्ध अभियानों को बिना इंसानी मदद के अंजाम दे सकते हैं। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भी इस दिशा में काम कर रहा है, जहां Self Drive Drone और AI-आधारित सिचुएशनल अलर्ट सिस्टम पर रिसर्च चल रही है।
Also Read- क्या iPhone अब बनेगा लाइव ट्रांसलेटर? भारत में Apple का नया AI फीचर
युद्ध की रणनीति में बदलाव
AI-संचालित सिस्टम युद्ध के मैदान में रियल-टाइम डेटा एनालिसिस कर सकते हैं, जिससे सेना को तुरंत रणनीति बदलने में मदद मिलती है। इससे न केवल सैनिकों की जान बचाई जा सकेगी बल्कि युद्ध की गति और सटीकता भी बढ़ेगी। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि ऐसे सिस्टम में हैकिंग या गलत निर्णय लेने का खतरा भी रहेगा।
Also Read- Anthropic का नया AI फीचर भारतीय बिज़नेस में मचाएगा हलचल?
नैतिक सवाल और भविष्य की तस्वीर
AI हथियारों के बढ़ते इस्तेमाल से नैतिक बहस भी छिड़ गई है। क्या मशीन को यह अधिकार होना चाहिए कि वह तय करे किसे निशाना बनाना है? संयुक्त राष्ट्र पहले ही इस पर ग्लोबल पॉलिसी बनाने की मांग कर चुका है।
नतीजा
भविष्य के युद्ध तेज, स्मार्ट और खतरनाक होंगे। जैसे-जैसे AI और रोबोटिक्स मिलकर नई तकनीक लाएंगे, यह तय करना जरूरी होगा कि इंसान नियंत्रण में रहे और युद्ध का फैसला मशीन नहीं, इंसान लें।
Also Read –
