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अब गांवों की पंचायतें भी होंगी हाई-टेक: AI टूल ‘सभासार’ से बदलेगा ग्रामीण भारत का सिस्टम

Published On: September 6, 2025
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AI टूल ‘सभासार’ के जरिए ग्राम पंचायत की बैठक का डिजिटल रिकॉर्ड देखते ग्रामीण
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नई दिल्ली | 4 सितम्बर 2025 | पढ़ने का समय: 6 मिनट

गाँवों की पंचायतें अब सिर्फ़ खड़िया और रजिस्टर तक सीमित नहीं रहेंगी। सरकारी कामकाज को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया AI टूल सामने आया है, जिसका नाम है सभासार। यह टूल ग्राम पंचायत की बैठकों को रिकॉर्ड करेगा, उनका डिजिटल लेखा-जोखा बनाएगा और ज़रूरी रिपोर्ट तुरंत निकालकर देगा।

पढ़िए पूरी खबर In English-Panchayats Go Digital: How AI Tool ‘Sabhasar’ Is Quietly Changing Rural Governance

डिजिटल पंचायत की नई शुरुआत

ग्राम पंचायतें लंबे समय तक फाइलों और कागजों पर निर्भर रही हैं। बैठकों में जो फैसले होते थे, वे अक्सर रजिस्टर तक सीमित रह जाते थे और ग्रामीणों तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाती थी। लेकिन अब ‘सभासार’ जैसे AI टूल इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाने वाले हैं।

AI टूल ‘सभासार’ क्या है और कैसे काम करता है?

सभासार’ एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पंचायत बैठकों को रियल-टाइम में रिकॉर्ड करता है। यह तुरंत ट्रांसक्रिप्ट तैयार करता है, डेटा क्लाउड पर सेव करता है और मोबाइल ऐप के जरिए ग्रामीणों तक उपलब्ध कराता है। यानी गांव का हर नागरिक यह देख पाएगा कि पंचायत ने किस विषय पर क्या फैसला लिया और वह काम किस स्तर पर पहुंचा।

पंचायत से सीधे जनता तक पहुंचेगा हर फैसला

पहले पंचायतों के फैसले केवल चुनिंदा लोगों तक सीमित रहते थे। लेकिन अब गांव का हर व्यक्ति अपने मोबाइल पर देख सकता है कि सड़क, स्कूल या पानी की योजना कहां तक पहुंची है। यह पारदर्शिता भ्रष्टाचार और फंड की गड़बड़ी पर लगाम लगाने में मदद करेगी।

सिर्फ टेक्नोलॉजी काफी है क्या?

विशेषज्ञ मानते हैं कि टेक्नोलॉजी लाना आसान है, लेकिन असली चुनौती है पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को इसे इस्तेमाल करना सिखाना। इसी वजह से सरकार ने ‘सभासार’ के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया है, ताकि कोई भी पंचायत इस पहल से पीछे न छूटे।

क्या सिर्फ़ रिकॉर्डिंग तक सीमित रहेगा टूल?

यहाँ एक अहम सवाल उठता है—क्या यह टूल सिर्फ़ बैठक की रिपोर्ट लिखने तक ही काम करेगा या इससे आगे भी कुछ संभव है? सूत्रों का कहना है कि भविष्य में इसमें डेटा एनालिसिस जैसी सुविधाएँ भी जुड़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, किसी पंचायत में बार-बार सड़क की शिकायतें दर्ज हो रही हैं तो सिस्टम उसे चिन्हित कर तुरंत रिपोर्ट बना सकेगा।

यानी “सभासार” आगे चलकर सिर्फ़ रिकॉर्ड नहीं बल्कि योजना बनाने का आधार भी बन सकता है।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर असर

इस तकनीक से पंचायतों पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। ग्राम सभा में अब कोई यह सवाल नहीं उठा पाएगा कि फ़ैसले ठीक से लिखे नहीं गए या रिपोर्ट बदल दी गई। सब कुछ डिजिटल रिकॉर्ड में होगा, जिसे कभी भी जाँचा जा सकेगा।

यानी गाँव के लोग भी देख सकेंगे कि जिस सड़क या तालाब की योजना कागज़ पर बनी थी, उस पर काम कब शुरू हुआ और कहाँ अटका।

बड़ा सवाल: क्या “सभासार” गाँव की राजनीति में भी बदलाव लाएगा?

भारत की 2.6 लाख ग्राम पंचायतों में डिजिटल रिकॉर्ड की कमी अब खत्म हो सकती है। हर बैठक ऑनलाइन उपलब्ध होगी, हर फैसला सार्वजनिक होगा और विकास कार्य की निगरानी आसान होगी। यह ग्रामीण लोकतंत्र का नया चेहरा है, जो गांवों को हाई-टेक बना देगा।

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