नागपुर, महाराष्ट्र | 26 जुलाई 2025 | ⏱️ पढ़ने का समय: 4 मिनट
सारांश:
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक नई एआई-आधारित क्लस्टर फार्मिंग मॉडल की शुरुआत की है। इस मॉडल का दावा है कि यह किसानों की आय दोगुनी कर सकता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।
विदर्भ, जो अक्सर किसानों की आत्महत्याओं और सूखे की मार से जुड़ा रहा है, अब भारत की एआई क्रांति का अगला ठिकाना बन सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक नई तकनीकी पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि Cluster AI Farming मॉडल न केवल फसलों की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि किसानों को रियल-टाइम मौसम डेटा, मृदा विश्लेषण और मार्केट इंटेलिजेंस भी देगा।
Read In English: AI Revolution in Farming? Gadkari’s Vidarbha ModelMight Shock Everyone
क्या Cluster AI Farming भारत के किसानों की किस्मत बदल सकती है?
इस मॉडल में प्रत्येक गांव को एक ‘AI Cluster’ के रूप में चिन्हित किया जाएगा, जहां AI-सक्षम डिवाइसेस, IoT सेंसर और डेटा-ड्रिवन एग्रीकल्चर एडवाइज़री का इस्तेमाल होगा। गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा,
“अब किसान मोबाइल पर मौसम, फसल बीमा और मार्केट रेट्स के डेटा के साथ खेती करेगा, सिर्फ अनुमान से नहीं।”
गडकरी का यह क्लस्टर मॉडल स्थानीय तकनीकी स्टार्टअप्स, कृषि विभाग और IIT की साझेदारी में आगे बढ़ाया जा रहा है। विदर्भ में इसके पायलट चरण की शुरुआत अमरावती और वर्धा ज़िलों में हो चुकी है।
यह क्यों है भारत के लिए बेहद अहम?
AI और कृषि का मेल भारत के ग्रामीण भविष्य की नींव बन सकता है। जहां एक तरफ शहरी भारत AI से ऑफिस ऑटोमेशन देख रहा है, वहीं यह पहल साबित करती है कि एआई का असली खेल ग्रामीण भारत में शुरू हो चुका है।
यह मॉडल न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने का टूल है, बल्कि यह भारत को एक ‘AgriTech Superpower‘ की दिशा में भी ले जा सकता है। साथ ही, सरकार और टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच बढ़ती साझेदारी भारत के डिजिटल भविष्य को और मजबूत बनाती है।
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