नई दिल्ली | 25 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 4 मिनट
सारांश:
गूगल की जेनरेटिव AI टीम के संस्थापक ने छात्रों को चेतावनी दी है कि आने वाले समय में कुछ लोकप्रिय डिग्रियां बेकार हो सकती हैं। उनका मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन क्षेत्रों को पूरी तरह बदल देगा।
एक जाने-माने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ और गूगल की जेनरेटिव AI टीम के फाउंडर Jad Tarifi ने हाल ही में छात्रों को एक बड़ा संदेश दिया है। उनका कहना है कि AI की तेज़ रफ्तार प्रगति शिक्षा की कई पारंपरिक धाराओं को हिला सकती है। खासतौर पर वे डिग्रियां जो पहले नौकरी की गारंटी मानी जाती थीं, अब AI के कारण अपना मूल्य खो सकती हैं।
Read In English- Ex-Google AI Pioneer Warns Students: By the Time You Graduate, Your Degree Could Already Be Obsolete
उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी, डेटा एनालिसिस और यहां तक कि कंटेंट राइटिंग जैसे कई क्षेत्रों में AI इंसानों से कहीं आगे निकल चुका है। अगर छात्र सिर्फ पारंपरिक डिग्रियों पर भरोसा करेंगे और नए स्किल्स नहीं सीखेंगे, तो उन्हें भविष्य में नौकरी पाना मुश्किल हो जाएगा।
कौन सी डिग्रियां खतरे में हैं?
उन्होंने साफ कहा कि कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस और बिज़नेस एनालिटिक्स जैसे क्षेत्र, जहां अभी तक डिग्रियों की बड़ी मांग रही है, वहां AI खुद ही एक मास्टर बन चुका है। यहां सिर्फ सर्टिफिकेट या डिग्री नहीं बल्कि वास्तविक प्रैक्टिकल स्किल्स ही काम आएंगे।

छात्रों को अब क्या करना चाहिए?
उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को नई सोच और क्रिएटिविटी पर ध्यान देना होगा। AI को ऑपरेट और गाइड करने वाले लोग ही भविष्य में सबसे ज्यादा महत्व पाएंगे। यानी डिग्री नहीं बल्कि स्किल्स और इनोवेशन असली हथियार होंगे।
इसका असर कितना बड़ा होगा?
यह चेतावनी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। अगर छात्र समय रहते अपनी दिशा नहीं बदलते तो आने वाले 5 से 10 साल में कई करियर रास्ते बंद हो सकते हैं।
