स्थान: चेन्नई / सैन फ्रांसिस्को | तारीख: 01 अक्टूबर 2025 | रीड टाइम: 4 मिनट
सारांश:
Perplexity AI के सह-संस्थापक और सीईओ अरविंद श्रीनिवास अब अरबपति क्लब में शामिल हो चुके हैं। भारत के सबसे युवा अरबपति बने श्रीनिवास की यह उपलब्धि चेन्नई से सिलिकॉन वैली तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा और भारत की बढ़ती AI ताकत का बड़ा सबूत है।
Read In English - ‘Chennai Boy’ Aravind Srinivas Becomes India’s Youngest Billionaire with Perplexity AI’s Global Surge
कैसे बने अरविंद श्रीनिवास अरबपति?
चेन्नई में पले-बढ़े अरविंद श्रीनिवास ने IIT मद्रास से पढ़ाई की और बाद में UC बर्कले से पीएचडी की। उन्होंने 2022 में Perplexity AI की शुरुआत की, जिसका मकसद इंटरनेट सर्च को नया रूप देना था। गूगल के विज्ञापन-आधारित मॉडल के उलट, Perplexity सीधा और भरोसेमंद जवाब देता है, साथ ही संदर्भ (citations) भी दिखाता है।

संक्षेप:
भारत सरकार ने “इंडिया एआई मिशन” के तहत आठ नई कंपनियों और IIT बॉम्बे को चुना है जो 1-ट्रिलियन पैरामीटर वाला एआई मॉडल तैयार करेंगे। यह मॉडल भारतीय भाषाओं, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
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जेफ बेजोस और Nvidia जैसे बड़े निवेशकों के समर्थन से 2025 में Perplexity की वैल्यूएशन तेजी से बढ़ी और श्रीनिवास महज 30 साल की उम्र में अरबपति बन गए।
क्यों छा रहा है Perplexity AI?
Perplexity AI को “AI युग का गूगल विकल्प” कहा जा रहा है। इसका साफ-सुथरा इंटरफेस, संदर्भ सहित जवाब और रियल-टाइम वेब से जुड़ी जानकारी ने इसे छात्रों, रिसर्चरों और प्रोफेशनल्स की पहली पसंद बना दिया है।

संक्षेप:
Instagram पर इन दिनों सबसे अलग ट्रेंड चल रहा है – Banana AI Saree। Google के Gemini Nano मॉडल से तैयार ये एआई जेनरेटेड साड़ियां सोशल मीडिया पर फैशन का नया चेहरा बन गई हैं। जानिए यह ट्रेंड कहां से शुरू हुआ, क्यों वायरल हो रहा है और आप भी इसे कैसे आज़मा सकते हैं।
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भारत में भी इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। खासकर बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली जैसे शहरों में यह ऐप रिसर्च और कामकाज के लिए लोकप्रिय हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि Perplexity की सफलता सिर्फ टेक्नोलॉजी की नहीं है, बल्कि यह ज्ञान उपभोग की नई दिशा दिखाती है विज्ञापनों से भरी सर्च लिस्टिंग से हटकर सीधे भरोसेमंद जवाब तक।
चेन्नई से सिलिकॉन वैली तक अरविंद की प्रेरक यात्रा
अरविंद श्रीनिवास की कहानी भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने चेन्नई से पढ़ाई शुरू की, फिर अमेरिका गए और OpenAI व DeepMind जैसी कंपनियों में काम किया। बाद में उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और पारदर्शिता व ज्ञान-साझाकरण पर आधारित उत्पाद बनाया, जिसने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई।

संक्षेप
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि यह नौकरियों और करियर का नया चेहरा बन चुका है। डेटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर और रोबोटिक्स एक्सपर्ट जैसे रोल्स की डिमांड इतनी तेजी से बढ़ रही है कि आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं के लिए यह सबसे आकर्षक विकल्प बन जाएगा।
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भारत के AI भविष्य के लिए क्या मायने हैं?
श्रीनिवास का अरबपति बनना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय टैलेंट अब सिर्फ कोडिंग या आउटसोर्सिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए अग्रणी AI कंपनियां भी बना सकता है।
उनकी यह सफलता भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए नई प्रेरणा है और यह बताती है कि भारत से निकले आइडिया दुनिया को बदल सकते हैं।








