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क्या डॉक्टरों की स्किल्स पर मंडरा रहा खतरा, अब AI के सहारे तो नहीं होगा इलाज?

Published On: अगस्त 29, 2025
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क्या डॉक्टरों की स्किल्स पर मंडरा रहा AI का खतरा
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नई दिल्ली | 29 अगस्त 2025 | पढ़ने का समय: 4 मिनट

मरीजों की देखभाल में AI की बढ़ती भूमिका

पिछले कुछ सालों में AI का इस्तेमाल हेल्थकेयर में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। अस्पतालों में AI सॉफ्टवेयर अब बीमारियों की डायग्नोसिस से लेकर एक्स-रे और MRI रिपोर्ट्स के एनालिसिस तक हर जगह दिखाई देने लगे हैं। यहां तक कि कुछ सर्जरी में भी रोबोटिक सिस्टम डॉक्टरों को गाइड कर रहे हैं।

Read In English- Are Doctors’ Skills Under Threat? Will AI Take Over Patient Care?

क्या डॉक्टरों की स्किल्स पर मंडरा रहा AI का खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉक्टर AI पर ज्यादा निर्भर होने लगें, तो उनकी क्लिनिकल स्किल्स और अनुभव-आधारित निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है। मेडिकल ट्रेनिंग का बड़ा हिस्सा प्रैक्टिकल अनुभव और तत्काल स्थिति में सही फैसला लेने पर आधारित होता है। लेकिन अगर हर सवाल का जवाब AI से मिलने लगे, तो डॉक्टरों के लिए खुद से सोचने की आदत धीरे-धीरे कम हो सकती है।

इलाज के लिए पूरी तरह AI पर भरोसा कितना सुरक्षित?

AI सिस्टम्स बेहद एडवांस्ड हैं, लेकिन इनमें अभी भी त्रुटियों की संभावना बनी रहती है। हेल्थकेयर में एक छोटी गलती भी बड़े जोखिम में बदल सकती है। यही कारण है कि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि मरीज की जान बचाने के लिए अंतिम निर्णय हमेशा डॉक्टर का होना चाहिए, न कि मशीन का।

टेक्नोलॉजी और इंसान का संतुलन ही है असली इलाज

सच्चाई यह है कि AI डॉक्टरों का विकल्प नहीं है बल्कि एक सपोर्ट सिस्टम है। यह डॉक्टरों को तेज़, सटीक और डेटा-आधारित फैसले लेने में मदद करता है। लेकिन मरीजों की भावनाओं को समझना, उनकी परेशानी सुनना और मानवीय देखभाल देना केवल डॉक्टर ही कर सकते हैं।

बड़ा सवाल: हेल्थकेयर का भविष्य कैसा होगा?

AI ने मेडिकल साइंस में क्रांति ला दी है, लेकिन असली चुनौती संतुलन बनाए रखने की है। अगर डॉक्टर और टेक्नोलॉजी साथ मिलकर काम करें, तो मरीजों को बेहतर और सुरक्षित इलाज मिल सकता है। लेकिन अगर पूरी तरह मशीनों पर भरोसा किया गया, तो यह डॉक्टरों की स्किल्स और मरीजों की सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन सकता है।

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