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क्या Airtel की एक डील ने ChatGPT को पीछे छोड़ दिया? जानिए Perplexity AI का गेम

Published On: जुलाई 27, 2025
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Image showing Perplexity AI at top of India’s app rankings after Airtel deal, beating ChatGPT in popularity
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क्या Perplexity AI बन रहा है भारत का नया AI स्टार?

पिछले हफ्ते यह ऐप भारत के App Store चार्ट्स में टॉप पर पहुंच गया ,ChatGPT, Gemini और दूसरे AI ऐप्स से भी ऊपर। इस बूम के पीछे है स्मार्ट मार्केटिंग, भारत पर सीधा फोकस और सबसे महत्वपूर्ण GPT-4 टर्बो जैसा प्रीमियम AI एक्सेस बिना कोई शुल्क लिए।

Read In English: Why Is Perplexity AI Suddenly Beating ChatGPT in India? Airtel Deal Might Be the Reason

भारतीय टेक जगत को चौंकाते हुए, Perplexity AI एक ऐसा AI सर्च असिस्टेंट जिसे अब तक ज्यादा लोग नहीं जानते थे ने अचानक ChatGPT को भारत में पीछे छोड़ दिया है। यह अप्रत्याशित उछाल Airtel के साथ एक रणनीतिक डील के बाद देखने को मिला, जिसमें Airtel कुछ प्लान्स पर Perplexity Pro का मुफ्त सब्सक्रिप्शन दे रहा है।

Airtel की फ्री डील ने बदल दिया खेल?

Perplexity AI की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ माना जा रहा है Airtel की वो डील, जिसमें 360 मिलियन यूज़र्स को एक साल का फ्री Perplexity Pro सब्सक्रिप्शन (₹17,000 की वैल्यू) दिया जा रहा है। यूज़र बस Airtel Thanks ऐप पर जाकर इसे क्लेम कर सकते हैं और तुरंत पाएं GPT-4.1, Claude, और इमेज जेनरेशन जैसे फीचर्स तक एक्सेस।

ChatGPT से भी तेज़ ग्रोथ — लेकिन कैसे?

डेटा के मुताबिक, Q2 2025 में Perplexity AI की डाउनलोड्स भारत में 600% बढ़ीं और 2.8 मिलियन तक पहुंचीं, जबकि ChatGPT की ग्रोथ 587% रही। खास बात ये है कि मंथली एक्टिव यूज़र्स में भी Perplexity ने 640% की छलांग लगाई, ChatGPT के 350% की तुलना में।

क्या भारत में ChatGPT की पकड़ कमजोर हो रही है?

जहां दुनिया भर में ChatGPT का बोलबाला है, वहीं भारत में उसकी GPT-4 सुविधाएं अब भी पेड और सीमित हैं। इसके मुकाबले, Perplexity का Airtel इंटीग्रेशन बिना किसी रुकावट के चलता है और ये बात भारतीय यूज़र्स को लुभा रही है।

LinkedIn पर Perplexity की सक्रियता, क्रिएटर्स के जरिए शॉर्ट वीडियो प्रमोशन, और मीडिया में लगातार चर्चाएं—इन सबने इसे एक टेक ट्रेंड की शक्ल दे दी है।

ChatGPT से अलग क्या है इसमें?

जहां ChatGPT बातचीत में उलझ जाता है, वहीं Perplexity सीधे-सपाट और फैक्ट-आधारित जवाब देता है — वो भी रिफरेंस के साथ। छात्रों, प्रोफेशनल्स और तेज़ जानकारी चाहने वालों के लिए ये एकदम परफेक्ट टूल बन गया है।

यह बदलाव क्यों मायने रखता है

  • भारत में AI का तेजी से लोकतंत्रीकरण हो रहा है—अब प्रीमियम AI सिर्फ अमीरों के लिए नहीं।
  • टेलीकॉम कंपनियां अब AI की दुनिया में भी ताकतवर खिलाड़ी बन सकती हैं।
  • ChatGPT को भारत में यूज़र एंगेजमेंट बनाए रखने के लिए अब नई रणनीति की जरूरत है।

फिलहाल, Perplexity AI और Airtel की इस चाल ने AI की दुनिया में हलचल जरूर मचा दी है।

असली सवाल: ये सफलता टिकेगी या फ्री खत्म होते ही सब बदल जाएगा?

Perplexity AI का उभार दिखाता है कि भारत में यूज़र्स AI से क्या चाहते हैं — लोकल टच, फ्री ऐक्सेस और प्रैक्टिकल यूज़। लेकिन जनवरी 2026 में जब फ्री सब्सक्रिप्शन खत्म होगा, तब क्या ये पॉपुलैरिटी बनी रहेगी? यही देखने वाली बात होगी।

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