चंडीगढ़, पंजाब |तारीख: 27 जुलाई 2025 |⏱️ पढ़ने का समय: 3 मिनट
Summary:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में देश की पहली AI यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करेंगे। यह संस्थान भारत को ग्लोबल AI शिक्षा और इनोवेशन की दौड़ में नई दिशा देने जा रहा है।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए, देश की पहली पूर्णतः AI केंद्रित यूनिवर्सिटी की शुरुआत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में की जा रही है। इसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 जुलाई (शनिवार) को करेंगे।
Read In English: Will India’s First AI University Change the Future? CM Yogi to Inaugurate the Project in Chandigarh
क्या यह यूनिवर्सिटी भारत को बनाएगी ‘AI सुपरपावर’?
इस यूनिवर्सिटी का उद्देश्य सिर्फ छात्रों को AI सिखाना नहीं, बल्कि उन्हें भविष्य की AI इंडस्ट्री के लिए तैयार करना है ,रिसर्च, स्टार्टअप्स, और जॉब्स के ज़रिये।
केंद्रीय मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और शिक्षा क्षेत्र के कई बड़े विशेषज्ञ इस समारोह में मौजूद रहेंगे।
क्या होगा इस यूनिवर्सिटी में खास?
इस AI यूनिवर्सिटी को “AI Innovation Hub” के रूप में तैयार किया गया है, जहां निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:
- AI स्पेशलाइज़्ड डिग्री प्रोग्राम: जैसे B.Tech in AI, MSc in Machine Learning
- रिसर्च लैब्स: रोबोटिक्स, कंप्यूटर विज़न, NLP और डेटा साइंस पर आधारित
- इंडस्ट्री टाई-अप्स: गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, और ISRO जैसी कंपनियों के साथ
- इनक्यूबेशन सेंटर: AI स्टार्टअप्स के लिए सपोर्ट और फंडिंग
छात्रों को यहां लाइव प्रोजेक्ट्स, रियल-टाइम इंडस्ट्री ट्रेनिंग और ग्लोबल AI समिट्स का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
क्यों ये कदम भारत के लिए बेहद अहम है?
भारत अभी AI क्रांति के शुरुआती दौर में है। लेकिन चाइना और अमेरिका जैसे देशों से मुकाबला करने के लिए देश में टैलेंट और रिसर्च दोनों की ज़रूरत है। यही वजह है कि इस यूनिवर्सिटी को ‘AI के लिए IIT’ जैसा दर्जा दिए जाने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 5 वर्षों में AI आधारित जॉब्स में 70% तक की वृद्धि होगी और यह यूनिवर्सिटी उस जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।
शिक्षा और तकनीक के संगम से बदलेगा भारत का भविष्य?
AI यूनिवर्सिटी की यह शुरुआत सिर्फ एक संस्थान की ओपनिंग नहीं है — यह भारत में शिक्षा की दिशा को फिर से परिभाषित करने वाला कदम है।
अब सवाल ये नहीं है कि क्या AI शिक्षा ज़रूरी है बल्कि ये है कि हम इसमें कितनी तेजी से आगे बढ़ते हैं।
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