New Delhi | 22 July 2025 | ⏱️ 4 min read
Summary: भारत सरकार AI के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए एक नई आचार संहिता तैयार कर रही है। यह फ्रेमवर्क डेटा गोपनीयता, पारदर्शिता और नैतिकता पर जोर देगा। लेकिन क्या यह नियम स्टार्टअप्स के लिए बाधा बनेगा?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारत में तेजी से बदलाव ला रहा है, लेकिन इसके जोखिम भी कम नहीं। डीपफेक, डेटा चोरी और गलत इस्तेमाल की चिंताओं के बीच सरकार एक नई AI Regulations India 2025 लाने की तैयारी में है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) इस दिशा में काम कर रहा है, जिसका मसौदा जल्द ही सामने आ सकता है।
लेकिन इस कदम से स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों में बेचैनी है। क्या यह नियम इनोवेशन को बढ़ावा देगा या नया बोझ लाएगा?
AI Regulations India 2025: क्या हैं इस आचार संहिता के मुख्य बिंदु?
सरकार का फोकस AI के नैतिक और सुरक्षित इस्तेमाल पर है। संभावित दिशानिर्देशों में शामिल हो सकते हैं:
- पारदर्शिता: AI मॉडल्स की कार्यप्रणाली और डेटा उपयोग की स्पष्ट जानकारी।
- डेटा गोपनीयता: यूजर डेटा की सुरक्षा और सहमति पर जोर।
- पूर्वाग्रह से बचाव: AI में भेदभाव या पक्षपात रोकने के उपाय।
- जवाबदेही: गलत इस्तेमाल के लिए कंपनियों की जिम्मेदारी तय करना।
- प्री-लॉन्च मंजूरी: हाई-रिस्क AI मॉडल्स के लिए सरकारी अनुमति।
Read In English: AI Regulations India 2025 :Will India’s New AI Law Strip Startups of Their Freedom?
क्या सरकार का नया AI नियम जिम्मेदारी बढ़ाएगा या स्टार्टअप्स की रफ्तार रोकेगा?
भारत में AI स्टार्टअप्स तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन सख्त नियम उनकी रफ्तार धीमी कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पष्ट नियम छोटी कंपनियों पर भारी पड़ सकते हैं, जबकि बड़े टेक दिग्गज आसानी से इसका पालन कर लेंगे।

कई स्टार्टअप्स को डर है कि यह एक नया “लाइसेंस राज” बन सकता है, जो विदेशी निवेश को भी प्रभावित करेगा।
वैश्विक परिदृश्य में भारत
दुनियाभर में AI नियमों पर काम हो रहा है। EU ने AI Act लागू किया है, जबकि अमेरिका स्वैच्छिक दिशानिर्देशों पर चल रहा है। भारत एक संतुलित रास्ता तलाश रहा है, जो इनोवेशन और सुरक्षा दोनों को बढ़ावा दे।
AI पर नकेल या जिम्मेदार भविष्य की राह, क्यों है इसकी चर्चा?
AI का बढ़ता प्रभाव और इसके दुरुपयोग की घटनाएं सरकार को मजबूर कर रही हैं। भारत AI मिशन के तहत 10,372 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, और यह आचार संहिता उसका हिस्सा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नियम स्टार्टअप्स को सशक्त बनाएगा या उनकी राह में रोड़ा बनेगा?
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