नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025 | पढ़ने का समय: 3 मिनट
सारांश:
केंद्र सरकार ने 7 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर महिला सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए AI-आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है। नई तकनीक चेहरा पहचानकर संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट भेजेगी।
क्या रेलवे सुरक्षा में AI का दखल बदल देगा सब कुछ?
अब रेलवे स्टेशन पर आपका चेहरा ही आपका पहचान-पत्र बन जाएगा। केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 7 बड़े रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस हाईटेक कैमरे लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला बढ़ते अपराधों और भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है।
Read In English: Is Indian Railways Watching You With AI Cameras? Here’s What’s Really Happening
इस योजना के तहत जिन रेलवे स्टेशनों पर यह AI सिस्टम पहले फेज में लगाया जा रहा है, उनमें नई दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु, मुंबई सेंट्रल, हावड़ा, जयपुर और चेन्नई सेंट्रल शामिल हैं। इन स्टेशनों को देश के सबसे व्यस्त और संवेदनशील स्थानों में गिना जाता है।
AI सिस्टम न केवल चेहरे की पहचान करेगा, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग और अलर्ट भी देगा। साथ ही, पहले से चिन्हित अपराधियों की पहचान कर स्वचालित रूप से सुरक्षा बलों को जानकारी देगा।
कैसे काम करेगा यह AI सिस्टम?
AI आधारित कैमरे ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर हर गतिविधि को मॉनिटर करेंगे। यह सिस्टम मशीन लर्निंग मॉडल से प्रशिक्षित किया गया है, जिससे यह संदिग्ध चेहरे, भाव-भंगिमा, और असामान्य व्यवहार की पहचान कर सकेगा। इसके जरिए बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के संभावित खतरे की पहचान की जा सकेगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस तकनीक को डिजिटल इंडिया मिशन और महिला सुरक्षा के लिए लागू की जा रही अन्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे सभी डाटा एकीकृत रूप से उपलब्ध रहेंगे।
इसके पीछे सरकार की क्या सोच है?
महिला यात्रियों के खिलाफ अपराधों में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है। ऐसे में सरकार चाहती है कि तकनीक की मदद से प्रिवेंटिव सिक्योरिटी को मजबूत किया जाए। यह पहल न केवल सुरक्षा बलों की क्षमता बढ़ाएगी, बल्कि अपराधियों को हतोत्साहित भी करेगी।
सरकार का मानना है कि AI का सही और जिम्मेदार इस्तेमाल रेलवे को भविष्य के लिए तैयार कर सकता है — जहां हर यात्री सुरक्षित महसूस करे।
तकनीकी सुरक्षा बनाम निजता: बहस जारी
जहां एक ओर यह योजना महिला सुरक्षा के लिहाज़ से सराहनीय मानी जा रही है, वहीं दूसरी ओर निजता के अधिकार को लेकर विशेषज्ञों की चिंता भी सामने आई है। डेटा स्टोरेज, चेहरे की बायोमेट्रिक जानकारी और निगरानी का दायरा जैसे सवालों पर स्पष्टता अभी बाकी है।
‘सुरक्षित यात्रा’ की ओर एक बड़ा कदम?
AI की मदद से भारतीय रेलवे सुरक्षा के जिस नए दौर में कदम रख रहा है, वह तकनीक और ट्रस्ट के संतुलन की परीक्षा भी है। अगर इसे पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू किया गया, तो यह रेलवे सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
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